रैगिंग के अंतर्गतः-
कोलाहलपूर्ण अनुचित व्यवहार करना,चिढ़ाना,भद्दे या अशिष्ट आचरण करना,उपवद्री एवं अनुशासनहीन क्रियाकलापों में संलग्न होना जिससे नये छात्र को गुस्सा,आवश्यक परेशानी,शारीरिक एवं मानसिक क्षति हो अथवा उसमें आशंका या भय बढ़ने अथवा छात्रों से ऐसा कार्य करने के लिये कहना, जो छात्र/छात्रा सामान्यतः नहीं कर सकता/सकती और जिससे उसे शर्म या अपमान का अनुभव होता हो अथवा जीवन के लिये खतरा हो ।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा लागु नवीन अधिनियम :-
छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्थाओं में प्रताड़ना (रैगिंग) का प्रतिषेध अधिनियम, 2001 क्रमांक 27 सन् 2001 ।
शैक्षणिक संस्थाओं में रैगिंग प्रताड़ना प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत दण्ड के प्रावधान हैं। कर्नाटक शिक्षा अधिनियम 1983 (कर्नाटक अधि. नं. 1, 1995)अनुच्छेद (29) के अनुसार इसकी परिभाषा इस प्रकार है :-
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किसी छात्र को मजाक में या अन्य प्रकार से ऐसा कार्य करने के लिये कहना,प्रेरित करना या बाध्य करना, जो मानव-मर्यादा के खिलाफ हो या जो उसके व्यक्तित्व के विपरीत हो या जिससे हव हास्यपद हो जाये या डरा धमका कर गलत ढंग से बंदी बनाने चोट या अनुचित दबाव का भय दिखाकर वैधानिक कार्य करने से मना करना।
रैगिंग में लिप्त होने पर दिये जाने वाले दण्ड
रैगिंग में लिप्त विद्यार्थी का प्रवेश निरस्त किया जाना, कक्षा से निष्कासित, छात्रवृत्ति तथा अन्य सुविधा रोकना,परीक्षाओं से वंचित करना,परीक्षा परिणाम रोकना,अंतर्राष्ट्रीय खेल तथा युवा उत्सव में भाग लेने पर प्रतिबंध करना संस्था से निष्कासित किया जाना एवं आर्थिक दण्ड रू. 25000.00 तक दण्ड का प्रावधान है।