Message From the Principal's Desk
कॉलेज की स्थापना आदिवासी क्षेत्र में रहने वाले ऐसे विद्यार्थियों के लिए उच्च शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए की गई थी, जो 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते थे, ऐसे विद्यार्थी जिनकी आर्थिक स्थिति अन्य लोगों के घर से दूर रहने के कारण अच्छी नहीं थी। कॉलेजों में जाना असंभव था. निम्न वर्ग के विद्यार्थियों को धन, कपड़े, पुस्तकें, किराये का मकान, भोजन की व्यवस्था आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता था; उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए इस कॉलेज की स्थापना की गई ताकि निम्न वर्ग के छात्र भी आसानी से उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें। कॉलेज की स्थापना का मिशन केवल उच्च शिक्षा प्रदान करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि संस्कृति का संरक्षण, मानवता की शिक्षा, दूसरों की मदद के लिए तैयार रहना, पर्यावरण संरक्षण, खेल को जीवन का हिस्सा बनाना, गुरुकुल परंपरा, आत्म मूल्यांकन, सभ्य समाज का निर्माण भी है। हमारा मिशन छात्रों को आत्म-अनुशासन, स्वरोजगार आदि के लिए तैयार करना है। हमारे कॉलेज में सह-शिक्षा चलती है। भविष्य में रोजगारपरक पाठ्यक्रम भी संचालित किये जायेंगे ताकि विद्यार्थियों को आसानी से रोजगार मिल सके।
हमारा उददेश्य मात्र शिक्षण कार्य ही नहीं होता अपितु बालको के सर्वांगीण विकास हेतु अनेक गतिविधियां वर्ष पर्यंत चलती रहती हैं । महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना, खेलकूद एवं विभिन्न कौशलों के विकास के लिए अनेक प्रतियोगिताओं का आयोजन प्रत्येक सप्ताह होता है, जिसमें विद्यार्थी भाग लेते हैं और अपनी प्रतिभा को निखारते हैं । मुझे विश्वास है कि हमारे विद्यार्थी आगे चलकर प्रबुद्ध,देशभक्त एवं विविध कौशलों से परिपूर्ण सभ्य नागरिक बनेंगे एवं समाज और देश के विकास में अपना यथासंभव सक्रिय योगदान देकर अपने मानव जीवन को सफल बनाएँगे।
मैं इस महाविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।
डॉ लक्ष्मण शुक्ला
(प्राचार्य)